ललित कबाड़ी के यहां छापेमारी में मिली चोरी की गाड़ियां, काट कर बेचता था सामान
ललित कबाड़ी के यहां छापेमारी में मिली चोरी की गाड़ियां, काट कर बेचता था सामान

दुर्ग जिले में एक बार फिर से कबाड़ी चोरी का स्क्रैप बेचने में सक्रिय हो गए हैं। इसका खुलासा तब हुआ, जब शहर के सबसे बड़े ललित कबाड़ी के यहां प्रशिक्षु आईपीएस चिराग जैन ने छापा मारा। उन्हें यहां चोरी के दो तीन ट्रक, कार और बाइक मिली। इन्हें काटकर कबाड़ी बेचने जा रहा था। पुलिस की छापेमारी होते ही कबाड़ी मौके से फरार हो गया। प्रशिक्षु आईपीएस और दुर्ग सीएसपी चिराग जैन ने बताया कि उन्हें काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि भिलाई में कबाड़ का व्यवसाय करने वाला ललित कबाड़ी चोरी के ट्रक, कार व बाइक आदि खरीद कर उन्हें काटकर स्क्रैप में बेचने का काम करता है।
सीएसपी ने दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला को मामले की जानकारी दी। एसपी ने सीएसपी को एक स्पेशल टीम बनाने का निर्देश दिया। एसपी के निर्देश पर सीएसपी ने एक टीम गठित की और कुरुद गोकुलधाम स्थित उसके यार्ड में छापा मारा। छापेमारी के दौरान सीएसपी ने देखा कि गोकुल धाम में कबाड़ी के गोडाउन में तीन ट्रक स्क्रैप से भरे खड़े हैं। उसके अंदर पुरानी गाड़ियों के काटे गए पार्ट्स भरे हुए थे। पुलिस ने जब मौके पर मिले ललित कबाड़ी के मैनेजर राकेश मिश्रा से दस्तावेज मांगे तो वो नहीं दे पाया।
पूरा कबाड़ चोरी का होनी की आशंका के चलते पुलिस ने कबाड़ से भरे तीनों ट्रक को जामुल थाने में खड़ा कराया है। इसके साथ ही वहां एक बिना नंबर की टाटा नैनो कार, एक पुरानी बाइक भी जब्त की गई है। मैनेजर द्वारा इसके बारे में गोल मोल जवाब दिए जाने पर पुलिस ने लगभग 50 लाख रुपए का कबाड़ जब्त कर गोडाउन को सील कर दिया है।ललित कबाड़ी के इस गोडाउन में हर दिन 8-10 ट्रक कबाड़ अलग-अलग कबाड़ियों के पास से आता है। इसे खरीदने के लिए उसने अपने गोडाउन के अंदर एक धर्म कांटा भी बनाकर रखा है, जिससे एक साथ पूरा का पूरा ट्रक तौला जा सके। बताया जा रहा है ललित चोरी का माल खरीदने के साथ जिले के लगभग सभी छोटे बड़े कबाड़ियों के चोरी के स्क्रैप को खपाने का काम करता है।
ललित कबाड़ी चोरी की गाड़ियां और स्क्रैप खरीदता है। पुलिस उसे कई बार आटो, सेंटरिंग, सरिया और चोरी का अन्य स्क्रैप खरीदने के आरोप में गिरफ्तार किया है। कुछ महीने पहले ही उसने रेलवे की पटरी को काटकर चोरी किया था। इस मामले में आरपीएफ ने केस दर्ज किया था। इस मामले में भी ललित कबाड़ी कई महीने फरार रहा। जमानत मिलते ही वो फिर से अपना गैर कानूनी कबाड़ का कारोबार शुरू कर देता है।
